मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) - कर्नाटक में अगस्त के दूसरे सप्ताह में अच्छी बारिश खरीफ फसल के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। बारिश ने न केवल स्वस्थ तुवर की फसल की उम्मीदों को पुनर्जीवित किया है बल्कि अब अच्छी उपज की आशा भी जताई जा रही है। जुलाई के पुरे महीने तथा अगस्त के पहले सप्ताह तक बारिश गायब हो गई थी। जुलाई महीने के लिए वर्षा 54 प्रतिशत कम आंकी गई थी जबकि अगस्त के पहले सप्ताह के लिए 84 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है।
हालांकि, बारिश की कमी ने उड़द की फसल को गंभीर रूप से प्रभावित किया है जो की अब पूरी तरह से सूख चुकी है और हालिया बारिश से उड़द की फसल को सहायता नहीं मिल पा रही है।
हालिया बारिश ने उन किसानों के लिए समस्याएं पैदा की जिन्होंने मूँग की फसल की कटाई में देरी की थी। सूत्रों ने कहा कि अगर वर्षा जारी रहती है तो यह खड़ी फसल को ख़राब कर सकती है जिससे गुणवत्ता में कमी आ सकती है।
नई मूंग की फसल के लिए केंद्र द्वारा घोषित समर्थन मूल्य 6,975/100 किग्रा है जबकि इस वक़्त मूंग में न्यूनतम समर्थन मूल्य से बहुत कम मूल्य पर व्यापार हो रहा है। कर्नाटक के किसान सरकार से इस सीजन के लिए खरीद रणनीति तैयार करने और बाजारों से खरीदारी शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
हालाँकि सरकार द्वारा पिछले वर्ष 5,575 रुपये की तुलना में 6975/100 किग्रा के उच्च एमएसपी के कारण बुआई के आंकड़े में सुधार होता देखा गया है इसके बावजूद चुनावी साल होने के कारण सरकार किसानों को समर्थन देने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर निकट भविष्य में खरीद शुरू कर सकती है जिससे मूँग की नई फसल को समर्थन मूल्य मिलने की संभावना है जिससे मूंग के भाव में सुधार आ सकता है।
सूत्रों के मुताबिक बारिश की कमी के वजह से खड़ी फसल के नष्ट होने या मुरझाने का संकेत मिल रहा था परन्तु हाल में हुई बारिश ने तुवर की फसल के परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है।
(कमोडिटीज कंट्रोल ब्यूरो द्वारा; + 91-22-40015513)
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