मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) हल्दी का भाव महज दो महीने में 15% से ज्यादा टूट गया है। आज भी कीमतों में दबाव है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र की मंडियों में इसका भाव लगातार टूटता जा रहा है।
सांगली में आज हल्दी ₹5800-6900/ क्विंटल है। वहीं निजामाबाद में ₹6100-7300/ क्विंटल और इरोड में ₹6200-6600/ क्विंटल है। कारोबारियों का कहना है कि महज 2 हफ्ते में भाव ₹500 से ज्यादा टूट चुका है। सांगली में हल्दी के कारोबारी हेमंत का कहना है कि, "इस स्तर पर भी डिमांड नहीं है, ट्रेडवार से ग्लोबल मार्केट में अनिश्चित माहौल की वजह से एक्सपोर्ट डिमांड भी ठंडी है"।
भारत का सबसे बड़ा हल्दी खरीदार उत्तरी अमेरिका और ईरान रहे हैं। लेकिन अमेरिकी पाबंदी की वजह से मई से ही ईरान को माल नहीं जा रहा है।
साल 2018-19 में भारत से करीब 1.20 लाख टन रिकॉर्ड हल्दी का एक्सपोर्ट हुआ था। मसाला बोर्ड के मुताबिक 2017-18 में 1.02 लाख टन का एक्सपोर्ट हुआ था, इस तरह से पिछले साल करीब 18% ज्यादा एक्सपोर्ट हुआ था।
कारोबारियों का कहना है कि एक्सपोर्ट ही नहीं, हल्दी की घरेलू डिमांड भी ठंडी है। हेमंत का कहना है कि, "आमतौर पर इस महीने से उत्तर भारत से इंक्वायरी शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार गजब की शांति है"।
बाजार के सूत्रों का कहना है कि दरअसल मार्केट में नकदी की भारी किल्लत है। पैसे के अभाव में कोई बड़ा सौदा नहीं कर रहा है। सिर्फ तत्काल ज़रूरत के हिसाब से ही लोग माल ले रहे हैं।
खेती की बात करें तो इस साल तेलंगाना के निजामाबाद बेल्ट में हल्दी की फसल अच्छी है। देश की 20% हल्दी की पैदावार इसी इलाके में होती है। वहीं आंध्र प्रदेश में भी इस साल हल्दी की औसत खेती हुई है। जबकि तमिलनाडु के इरोड इलाके में इस साल बोआई कम हुई है।
महाराष्ट्र के नांदेड़, हिंगोली और सांगली इलाके में खेती करीब 15% कम बताई जा रही है। पैदावार के मामले में ये इलाका भी आजकल निजामाबाद को टक्कर दे रहा है।
हालांकि अगस्त ने बाद से अच्छी बारिश होने से खेती में कुछ कमी के बावजूद पैदावार अच्छी रहने की उम्मीद है। कारोबारियों के मुताबिक साल 2018-19 में देश में करीब 67 लाख बोरी हल्दी की पैदावार हुई थी।
NCDEX पर आज हल्दी अक्टूबर वायदा हल्की गिरावट के साथ ₹6130/ क्विंटल पर बन्द हुआ।