मुंबई (कमोडिटीजकंट्रोल) - महाराष्ट्र सरकार द्वारा एपीएमसी अधिनियम में संशोधन करके एमएसपी भाव के निचे अनाज और तिलहन की खरीदी को गुनाह में लाने के निर्णय से व्यापारियों में रोष है जिसके चलते महाराष्ट्र की अधिकांश मंडियों में आज कामकाज पूरी तरह से बंद है और जब तक इस सम्बन्ध में सरकार अपना रुख साफ़ नहीं करती तब तक शायद मंडियों में कामकाज ठप रहने की संभावना है।
महाराष्ट्र कैबिनेट ने बुधवार को एपीएमसी अधिनियम में संशोधन करने का फैसला किया ताकि कोई भी निजी व्यापारी आने वाले खरीफ फसल के मौसम में सरकार-निर्धारित एमएसपी के नीचे कृषि उपज खरीदना अवैध हो।
संशोधन में कहा गया है कि कोई भी व्यापारी जो एमएसपी के निचे कृषि वस्तुओं की खरीदी करता है तो यह अपराध माना जायेगा और अपराध की गंभीरता के आधार पर एक साल का जेल-अवधि या 50,000 रुपये जुर्माना लग सकता है।
हालांकि, व्यापारियों और उद्योग से जुड़े कारोबारियों ने इस प्रस्ताव पर दृढ़ता से विरोध किया है कि मंडियों में सामान्य मांग-आपूर्ति तंत्र से हाजिर बाजार का तंत्र पूरी तरह से ख़राब हो जायेगा और सरकार को अनाज का सबसे बड़ा खरीदार बना सकता है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ही केवल इस तरह का निर्णय लागू करने के बजाय देश भर में इस तरह के उपाय किए जाने चाहिए। चूंकि इसे महाराष्ट्र में ही लागू किया जा रहा है, मिलर्स और व्यापारी अन्य राज्यों से अनाज और तिलहन की खरीद पसंद करेंगे।
मांग और आपूर्ति के आधार एपीएमसी मंडियों में भाव तय होता है और यदि सरकार कृत्रिम रूप से निजी व्यापारियों के लिए भाव निर्धारित करने की कोशिश करती है, तो सरकार को ही पूरा का पूरा अनाज खरीदना पड़ सकता है।
व्यापारियों के अनुसार मंडियों में कामकाज तब तक होना मुश्किल है जबतक सरकार इस निर्णय को वापस नहीं ले लेती। 3 सितम्बर को एक मीटिंग निर्धारित है।