मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) लॉकडाउन में अनाज मंडियां नहीं खुल पाने की वजह से केंद्र सरकार ने राज्यों को APMC कानून (मंडी कानून) में छूट देने का सुझाव दिया है। जिससे किसान मंडियों के बाहर भी अपनी उपज बेच सकें। इसके तहत केंद्र ने राज्यों को मंडी टैक्स की वसूली नहीं करने की भी सिफारिश की है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक केंद्र सरकार ने मंडियों को लॉकडाउन में छूट के साथ राज्यों को जल्द से जल्द किसानों की फसल को खरीदने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। कल राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में राज्यों की मांग पर 30 अप्रैल तक दलहन-तिलहन की खरीद की समय सीमा में छूट देते हुए इसे कभी भी शुरू करके 90 दिनों में पूरा करने का निर्देश दिया है।
हालांकि जानलेवा कोरोना वायरस से बचाव के लिए मंडियों में सोशल डिस्टेंसिंग की भी कड़ाई से पालन करने का निर्देश है। ऐसे में कृषि मंत्री ने राज्यों से मंडी कानूनों में ढील देकर किसानों को APMCs से बाहर उत्पाद बेचने की छूट देने का सुझाव दिया। उनके मुताबिक इस छूट से किसान मंडियों से बाहर भी अपनी उपज को बिना परेशानी के बेच सकेंगे। जिनसे मिलर्स और प्रोसेसर्स को कच्चे माल की आपूर्ति भी हो सकेगी। इसके लिए राज्यों को मंडी टैक्स की वसूली में छूट देने का सुझाव दिया गया है।
आपको बता दे मध्य प्रदेश सरकार ने मंडियों की जगह गोदामों को ही खरीद केंद्र घोषित कर दिया है। जिससे कम से कम मजदूर और ट्रांसपोर्टेशन के किसानों से खरीद की जा सकती है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने मध्य प्रदेश की इस व्यवस्था को बाकी राज्यों में भी लागू करने का निर्देश दिया है। साथ ही किसानों को MSP का भुगतान करने के लिए राजस्थान सरकार की तर्ज पर सभी राज्यों को पर्याप्त रिवॉल्विंग फंड बनाने को भी कहा है। इसके अलावा वेयरहाउसिंग रसीद और ऑनलाइन रिपोर्टिंग के अलावा पिछली जानकारी के आधार पर ही किसानों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
यही नहीं केंद्र सरकार ने खरीद केंद्रों पर पर्याप्त गोदाम, ट्रांसपोर्टेशन और इन केंद्रों तक मजदूरों और खरीद कर्मचारियों की आवाजाही का भी बंदोबस्त करने का निर्देश दिया है।
आपको बता दें एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो जानी चाहिए, लेकिन लॉकडाउन की वजह से अभी तक ये काम शुरू नहीं हो सका है।