मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) मध्य प्रदेश में यूरिया संकट को लेकर घमासान मचा हुआ है। कई अंचलों में किसानों की भारी फजीहत के बाद सूबे के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और राज्य में यूरिया संकट पैदा करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने ट्वीट करके कहा कि, "रबी के लिए हमने केन्द्र सरकार से 18 लाख टन यूरिया की मांग की थी परंतु केन्द्र सरकार द्वारा यूरिया के कोटे में कमी कर दी गयी"।
गौरतलब है कि देर तक बारिश होते रहने की वजह से राज्य में इस बार गेहूं की खेती ज्यादा हो रही है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 37.2 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती हो चुकी है, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले करीब 8.5% ज्यादा है। ऐसे में एकाएक यहां यूरिया की मांग बढ़ गई है। लिहाजा राज्य में 18 लाख टन यूरिया की दरकार थी। लेकिन केंद्र ने 15.40 लाख टन की ही मंजूरी दी। इसमे से भी महज 11 लाख टन यूरिया की ही अबतक सप्लाई हो सकी है। ऐसे में राज्य के कई इलाकों में यूरिया पहुंची ही नहीं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि, "केंद्र से यूरिया का कोटा बढ़ाने को लेकर प्रयास जारी है"।
लेकिन ऐसे माहौल में किसानों की दुर्दशा हो गई है। पहले बारिश और बाढ़ से खरीफ की फसल चौपट हो गई और अब राज्य में यूरिया की किल्लत से रबी की खेती पर भी आफत आ गई है। आलम ये है कि जगह जगह यूरिया से भरे ट्रक लूटे जा रहे हैं। कुछ इलाकों में तो थानों से यूरिया वितरण करना पड़ा है।
राज्य में 80% यूरिया वितरण सहकारी समितियों के जरिये होती है। जबकि 20% खाद विक्रेताओं के माध्यम से होती है।