मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) अमेरिका और चीन के बीच "फेज-1" व्यापार सौदा वैसे तो एक बेहद सीमित कदम माना जा रहा है, जो दोनों देशों के नेताओं को इसे अपने पक्ष में बताने और शेयर बाजारों मेें कुछ एक्शन लाने वाले के तौर पर देखा जा रहा है। लेकिन अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के सामान पर मौजूदा टैरिफ को वापस लेने वाले बीजिंग की मांग पर सहमति दिखाई तो ये एक बड़ा कदम हो सकता है।
गौरतलब है कि चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने इस महीने कहा था कि ट्रेड वॉर के दौरान लगाए गए टैरिफ को हटाना किसी भी सौदे के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त है। वैसे अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि यदि चीन की और से अमेरिकी कृषि सामानों की ज्यादा खरीद, चीन के वित्तीय सेवा उद्योग में बेहतर पहुंच के वादे, और बौद्धिक संपदा की रक्षा करने का वचन दिया जाए, तो बदले में चीन को रिटर्न में ज्यादा कुछ मिल सकता है।
कहा ये भी जा रहा है कि ट्रम्प ने दिसंबर में लगने वाले अतिरिक्त टैरिफ को निरस्थ करने के साथ पूर्व में टैरिफ वृद्धि को वापस लेने का फैसला कर चुके हैं। साथ ही वे चीन की ओर से भी बड़ी रियायत की जरूरत बताई है।
वाशिंगटन में अमेरिकी उद्यम संस्थान में चीन के विद्वान रेक कैंची का कहना है कि, "दरअसल राष्ट्रपति चीन के साथ एक बड़ा सौदा करने का विकल्प चाहते हैं। अक्टूबर में घोषित छोटे सौदे की तुलना ते भी बड़ा"।
अधिकारियों के साथ सहमति जताते हुए कैंची ने कहा कि क्या ट्रम्प मौजूदा टैरिफ को हटाने के लिए सहमत होंगे, यह काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि क्या वह मानते हैं कि इससे उनके चुनाव में फायदा होगा। व्हाइट हाउस के कुछ सलाहकार चीन को बड़े, विशिष्ट कृषि खरीद के लिए सहमत होते देखना चाहते हैं, जबकि अमेरिकी भविष्य के लाभ के लिए मौजूदा टैरिफ को बनाए रखना चाहते हैं।
वैसे यह फैसला ट्रम्प के खेती बाहुल्यता वाले निर्वाचन क्षेत्र को मदद करेगा, जबकि ओहियो, मिशिगन और पेंसिल्वेनिया जैसे प्रमुख राज्यों में मतदाताओं के बीच राष्ट्रपति अपने "चीन पर सख्त" रुख को बनाए रखने का प्रचार करेंगे।
लेकिन बीजिंग की ओर से पेंच दूसरा है। बीजिंग चाहता है कि ट्रम्प 1 सितंबर को लगाए गए चीनी सामानों के लगभग 125 बिलियन डॉलर के 15% टैरिफ को खत्म कर दें, साथ ही औद्योगिक और उपभोक्ता वस्तुओं की 250 बिलियन डॉलर की सूची में लगाए गए 25% टैरिफ से भी कुछ राहत प्रदान करें।
वाशिंगटन स्थित व्यापार के एक विशेषज्ञ ने कहा कि अक्टूबर में ट्रम्प द्वारा अमेरिकी कृषि वस्तुओं की वार्षिक चीनी खरीद में $ 40-50 बिलियन डॉलर हासिल करने के लिए अमेरिका द्वारा लगाए गए सभी टैरिफ को खत्म करने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक ट्रम्प और अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर मानते हैं कि "स्कीनी" व्यापार सौदे के लिए ऐसी रियायतें देना जो मुख्य बौद्धिक संपदा और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के मुद्दों को संबोधित करने में विफल रहता है ट्रम्प के लिए बहुत अच्छा सौदा नहीं है।
व्हाइट हाउस के सलाहकारों का कहना है कि ट्रम्प किसी भी सौदे पर अमेरिका में अंतिम निर्णय लेने वाले हैं, जिसके बारे में अभी तक कुछ भी साफ नहीं है।