मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) मंडियों में कपास की आवक बढ़ने के साथ खली की कीमतों में तेज गिरावट आई है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा की मंडियों में पिछले एक महीने में भाव करीब 12-15% तक लुढ़क गया है। मंडियों में कपास की आवक बढ़ने से कीमतों पर दबाव बढ़ा है।
मध्य प्रदेश की मंडियों में कपास खली का भाव 3150-3400 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है। जबकि एक महीने पहले ये 3830-3860 रुपए/क्विंटल था। वहीं महाराष्ट्र में ये 3000- 4000 रुपए से गिरकर 2800-3400 रुपए/क्विंटल पर आ गया है। इस तरह से इसमें करीब 15% की गिरावट दर्ज हुई है। उत्तर भारत की मंडियों में इसका भाव 3250-3325 रुपए से गिरकर 2850-2950 रुपए पर आ गया है। यहां इसमें करीब 12% की गिरावट आई है।
कारोबारियों के मुताबिक एक महीने जहां कुछ सौ गांठ कपास की आवक हो रही थी, वहां आवक हजारों गांठ में पहुंच गई है। मंडियों में कपास की आवक बढ़ने से बिनौला और कपास खली की कीमतों पर दबाव बढ़ा है। commoditiescontrol.com रिसर्च के मुताबिक इस सीजन 7 नवंबर तक बाजार में करीब 18.5 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है। जो पिछले साल से करीब 40% कम है। वहीं कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक 28 अक्टूबर तक करीब 12.34 लाख गांठ कपास की आवक हुई है।
कारोबारियों का मानना है कि इस साल देश में पैदावार बढ़ने का अनुमाह है, लेकिन सीजन के शुरू होते ही खेती वाले इलाकों में तेज बारिश की वजह के कई राज्यों में होने वाली आवक में काफी देरी हो चुकी है।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक देश में इस साल करीब 354.5 लाख गांठ कॉटन उत्पादन का अनुमान है। जो पिछले साल से 13% ज्यादा है।
कारोबारियों का मानना है कि आगे आवक बढ़ने के बाद कपास खली की कीमतों पर आर दबाव देखने को मिल सकता है।
इस बीच NCDEX पर कपास खली दिसंबर वायदा में 2255 रुपए/क्विंटल पर कारोबार हो रहा है। इस महीने इसमें करीब 7% की गिरावट आ चुकी है।
दरअसल कपास खली बिनौले (कॉटन सीड) के बाई प्रोडक्ट है। जैसे-जैसे कपास की सप्लाई बढ़ेगी, वैसे वैसे कपास खली की कीमतों पर दबाव बढ़ता जाएगा।