मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) कोटे के तहत तुअर इंपोर्ट लाइसेंस की मियाद 15 नवंबर तक बढ़ाये जाने संबंधित विदेश व्यापार महानिदेशालय यानी DGFT के फैसले पर दाल मिलों ने नाखुशी जाहिर की है।
मिलों का मानना है कि सरकार का ये फैसला इंपोर्ट पूरा करने में नाकाफी होगा। दाल मिल एसोसिएशन के प्रेजिडेंट सुरेश अग्रवाल का मानना है कि ये नोटिफिकेशन 5 नवंबर को आया है, जिसके मुताबिक 15 नवंबर तक इंपोर्ट पूरा हो जाना चाहिए। लेकिन इस फैसले के बाद इम्पोर्टर्स को महज 10 दिन का वक़्त मिल रहा है, जो नाकाफी है। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन की ओर से 2 महीने विस्तार की मांग की गई थी।
गौर करने वाली बात ये है कि की देशों में तुअर की फसल में देरी हुई है। ऐसे में काफी मिलों ने सौदे कर रखे हैं। वैसे बर्मा में फसल ठीक है, लेकिन अफ्रीकी देशों में देरी हुई है। ऐसे में सौदे के तहत 15 नवंबर तक इंपोर्ट पूरा करने में दिक्कत होगी। सुरेश अग्रवाल के मुताबिक अक्टुबर्बतक करीब 2.5 लाख टन तुअर आ चुकी है। लेकिन पूरे कोटे की 4 लाख टन तुअर को 15 नवंबर तक लाना मुमकिन नहीं है।