मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) - जैसे जैसे बरसात का मौसम समाप्त होता जा रहा है वैसे वैसे किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही है, बारिश की कमी का सामना कर रहे किसान अब बेहद चिंतित हो चुके है क्योंकि हल्दी के उत्पादन वाले क्षेत्र में बारिश की कमी से सूखे का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है की हल्दी के प्रमुख उत्पादन वाले क्षेत्र महाराष्ट्र में सूखे की जबरदस्त मार पड़ती दिखाई दे रही है, उक्त हालातों को देखते हुए सूबे की सरकार को कई जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है, इसके अलावा तेलंगाना तथा आँध्रप्रदेश के हालत भी सामान्य नहीं है, कडपा के क्षेत्र में सूखे की स्थिति बनती जा रही है।
महाराष्ट्र में इस बार लगभग 25 प्रतिशत अधिक बुवाई के समाचार मिले थे परन्तु सूखे की वजह से क्षेत्र सिकुड़कर पहले जितना हो सकता है. यदि आगामी कुछ दिनों में बारिश नहीं हुई तो हल्दी का का क्षेत्र सिकुड़ता चला जायेगा जिससे पिछले वर्ष के उत्पादन जितनी हल्दी का उत्पादन हो जाये तो आश्चर्य हो सकता है, कई किसानों तथा व्यापारियों के अनुसार इस बार महाराष्ट्र में हल्दी का उत्पादन पिछले वर्ष से भी कम हो सकता है. खैर अभी ये दूर की बात है।
इसके अलावा तमिलनाडु में बुवाई के वक़्त लगभग 15 लाख बैग हल्दी के उत्पादन की बात कही जा रही थी परन्तु जैसे जैसे समय बिताता जा रहा है वैसे वैसे हल्दी के आगामी उत्पादन के आंकड़ो में जबरदस्त गिरावट आती जा रही है, 1 माह पहले उत्पादन का आंकड़ा 13 से 14 लाख तक आया और अब 9 से 11 लाख बैग में सिमटता दिखाई दे रहा है।
आँध्रप्रदेश तथा तेलंगाना में में स्थिति सामान्य नजर आती है, वहां पर ज्यादा उत्पादन की सम्भावना नजर नहीं आ रही है, इससे ये प्रतीत होता है की पिछले वर्ष के उत्पादन जितना उत्पादन आगामी वर्ष में हो सकता है।
इस वक़्त हाजिर बाजार में हल्दी का कुल स्टॉक लगभग 20 से 22 लाख बैग का बना हुआ है, अगले 2 माह में लगभग 7 से 8 लाख बैग हल्दी की खपत हो सकती है जिससे अगले वर्ष के लिए कुल कैरी फॉरवर्ड स्टॉक लगभग 14 से 15 लाख बैग का हो सकता है (उक्त आंकड़े अधिकतम है) जिससे आने वाले वर्ष में हल्दी की कुल सप्लाई लगभग 85 से 87 लाख बैग (70 किलो प्रत्येक) की हो सकती है, घरेलु तथा अन्तराष्ट्रीय बाजार में भारतीय हल्दी की वार्षिक औसत खपत लगभग 84 से 86 लाख बैग की होती है, यदि हम आंकड़ो के हिसाब से देखे तो सप्लाई तथा डिमांड की मात्र लगभग समान हो सकती है।
(नोट: उत्पादन के उक्त आंकड़े अधिकतम है इसमे फेरबदल हो सकता है)।
हाजिर बाजार में हल्दी की मांग में इजाफा होता देखा जा रहा है, इसके अलावा यदि मौसम की बेरुखी इसी तरह जारी रही तो हल्दी में आने वाले समय में तेजी के संकेत बन सकते है।
हमने कई जानकारों से बातचीत करके आगामी उत्पादन के लिए निष्कर्ष निकाला है जो की आगामी उत्पादन के लिए अधिकतम आंकड़े है, यदि बारिश की कमी तथा सुखा पड़ा तो हो सकता है इन आंकड़ो में 10 से 15 % की कमी आ सकती है।
State
Production Center
Lakh Bag In 70 Kg
Lakh Bag In 1000 Kg
Anadra
Cuddpah/Duggirala
8
0.56
Telangana
Nizamabad (17 Lakh In 65 KG)
15.8
1.106
Warangal/ Ksamudram (4 Lakh In 65 Kg)
3.75
0.2625
Vikarabad/Sadashivpeth (2 Lakh In 65 Kg)
1.85
0.1295
Maharashtra
Sangli
(13 Lakh Bags In 55 KG)
11
0.77
Basmatnagar
Nanded
Hingoli-
(18 Lakh Bags In 50 KG)
13
0.91
Aurangabad+Jalgaon-Wai-Chincholi- Dhulia-Tulajapur-Buldhana (4 Lakh Bags In 50 KG)
2.85
0.1995
Tamilnadu
Erode+ (12 lakh In 65 Kg)
10.21
0.7147
Karnataka
Mysore+ (2 Lakh In 65 Kg)
1.8
0.126
Orrisa
Berhampur
1
0.07
Aasam
1
0.07
Bihar+
W Bangal+
UP+
2
0.14
Total Production
72.26
4.9882
(कमोडिटीजकंट्रोल ब्यूरो द्वारा; +91-22-40015567)
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