मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) - आज गुंटूर में लगभग 40 से 45 हजार बैग लाल मिर्ची की आवक वहीँ वारंगल का बाजार आज बंद रहा।
इस समय गुंटूर तथा अन्य बाजार में बीज क्वालिटी की मिर्ची की मांग में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है तथ आने वाले समय में बाजार मजबूत देखी जा सकता है।
ताजा निर्यात और स्थानीय मांग के बीच कम उत्पादन के चलते मिर्च की कीमतों में तेजी देखी जा रही हैं।
इस साल मिर्च के उत्पादन में कमी आई है क्योंकि किसानों ने निचले इलाके में फसल लगाई थी, पिछले साल बम्पर उत्पादन के कारण कीमतों में गिरावट के चलते उन्हें भारी नुकसान हुआ था।
लाल मिर्च मसालों के निर्यात में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों के दौरान 353,400 टन का निर्यात हुआ था जबकि एक साल पहले 260,250 टन का निर्यात देखा गया था।
हालांकि निर्यात से कमाई घटकर 32.41 अरब हुई जो की पिछले वर्ष इसी अवधी में 34.60 अरब रुपये थी।
इस समय उत्तर भारत से लाल मिर्ची की मांग में वृद्धि देखी जा रही है, परन्तु गुंटूर का बाजार बंद होने तथा अन्य बाजारों में सिमित आवक के कारन बाजार में खरीददारी जोरों पर है जिसके चलते लाल मिर्ची में अच्छी खरीददारी देखी जा रही है।
व्यापारियों के अनुसार गुंटूर के कोल्ड स्टोरेज के स्टॉक में 60 से 65% स्टॉक एक्सपोर्टरों का है तथा शेष माल भारतीय व्यापारियों का है, इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की भारतीय बाजार में लाल मिर्ची की किल्लत होने से मिर्ची के भाव कहाँ तक जा सकते है।
दूसरी और खपत में लगातार वृद्धि के चलते भारतीय बाजारों में लाल मिर्ची मी मांग लगातार बढती जा रही है जिससे मिर्ची का बाजार गुलजार रह सकता है।
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