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सरकार द्वारा तुअर आयात में ढील के बाद 30-40 हजार टन आयात संभव

1 Sep 2017 2:54 pm
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मुंबई (कमोडिटीज़ कंट्रोल) - आईपीजीए के एक अधिकारी ने बताया की भारत से आयातकों ने ट्रेड बॉडी इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन एसोसिएशन (आईपीजीए) को तुअर के आयात के लिए सम्बंधित दस्तावेज सौपे हैं, जिसके लिए उन्होंने पहले ही निर्यातकों को अग्रिम भुगतान किया है।

भारत
सरकार द्वारा तुअर के आयात नियमों में ढील देने के बाद आयातक, जिन्होंने तुअर के आयात के लिए 5 अगस्त से पहले अग्रिम या आंशिक भुगतान किया था आगे आये है|

बता
दे की भारत सरकार ने 5 अगस्त को तुअर के आयात पर मात्रात्मक प्रतिबन्ध लगाया और प्रति वित्त वर्ष के लिए आयात की सीमा 2 लाख टन तय की थी, पर सरकार ने ताजा नोटिफिकेशन में इसमें कुछ ढील देते हुए कहा की जिन आयातकों ने तुअर आयात के 5 अगस्त के पहले अग्रिम भुगतान किया है और जिसके लिए बैंक द्वारा सत्यापित अनुबंध / खरीद चालान और भुगतान विवरण उपलब्ध हैं वे तुअर आयात के लिए योग्य हैं।

आईपीजीए
के अधिकारी ने पुष्टि की है कि आयातकों ने दस्तावेजों को सौंप हैं वे लगभग 90,000 मीट्रिक टन के आयात के लिए हैं, हालांकि वे संबंधित विभाग को दस्तावेजों भेजने के पहले उसकी जांच करेंगे की वे डीजीएफटी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार आयात के लिए योग्य हैं या नहीं।

उन्होंने
कहा, तुअर आयात के नियम में ढील के बाद भारतीय पोर्ट पर तुअर का लगभग 30,000-40,000 मीट्रिक टन आयात पहुंचने की संभावना है, लेकिन इसमें चार से छह सप्ताह लग सकते हैं।

ये
तुअर कहाँ से आएगी इसको लेकर संसय हैं, पर यह सूडान, तंजानिया, केन्या के अलावा अन्य अफ्रीकी देशों के साथ साथ म्यांमार से भी हो सकता है।

मुंबई
में बर्मा लेमन तुअर की शुक्रवार को 75-100 रुपये घटकर 4,000-4,025/100 किलो दर्ज किया गया। इससे पहले 22 अगस्त को लेमन तुअर की कीमतें लगभग पांच महीने के उच्चतम स्तर 4,350 / 100 किलो पर पहुंच गईं, जो की 6 अप्रैल के बाद से उच्चतम स्तर था।

व्यापार
सूत्रों के मुताबिक "30,000-40,000 मीट्रिक टन का आयात से घरेलू बाजार पर कुछ ख़ास प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि बाजार की नजर सरकार के पास पड़े 15-16 लाख टन के स्टॉक पर हैं क्यूंकि बाजार के आगे की चाल उसी पर निर्भर हैं| जानकारों के माने तो उनका कहना हैं की यदि सरकार तुअर स्टॉक को बाजार भाव पर बेचती हैं तो तुअर के भाव में भारी गिरावट सकती हैं, इसलिए सरकार को तुअर एमएसपी भाव के ऊपर धीरे धीरे बिक्री करनी चाहिए।

(कमोडिटीज कंट्रोल ब्यूरो द्वारा; + 91-22-40015533)


       
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