मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) सरकारी सपोर्ट के दम पर इस साल भारत से करीब 36.8 लाख टन चीनी एक्सपोर्ट का अनुमान है। हालांकि ये आंकड़ा सरकार के 50 लाख टन एक्सपोर्ट टार्गेट से कम है। लेकिन पिछले 10 साल में सबसे ज्यादा है। पिछले साल महज 5 लाख टन चीनी का एक्सपोर्ट हो सका था।
इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन के आंकड़ो के मुताबिक अबतक 31.4 लाख टन चीनी का शिपमेंट हो चुका है। जबकि 544,635 टन एक्सपोर्ट अभी प्रोसेस में है। करीब 14.9 लाख टन रॉ शुगर का एक्सपोर्ट हुआ है। जबकि 15.3 लाख टन तैयार चीनी यानी व्हाइट शुगर का एक्सपोर्ट हुआ है। सबसे ज्यादा ईरान, उसके बाद श्रीलंका और बांग्लादेश को चीनी एक्सपोर्ट हुई है।
भारतीय चीनी मिल संघ यानी ISMA के मुताबिक साल 2007-08 में सबसे ज्यादा 49.6 लाख टन चीनी का एक्सपोर्ट हुआ था।
हालांकि एक्सपोर्ट के इस आकंड़े के बावजूद 30 सितंबर को सीजन के अंत में इस साल रिकॉर्ड क्लोजिंग बैलेंस रहने का अनुमान है। जून में ISMA के दिए गए अनुमान के मुताबिक इस साल चीनी का बकाया स्टॉक 1.46 करोड़ टन रह सकता है। पिछले साल करीब 1 करोड़ टन चीनी का बकाया स्टॉक था।
दरअसल इस साल देश मे 330 लाख टन चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। पिछले साल 323 लाख टन उत्पादन हुआ था। पिछले साल के बकाया स्टॉक के साथ घरेलू बाजार में इस साल 255 लाख टन की खपत के मुकाबले करीब 430 लाख टन चीनी की उपलब्धता थी।