मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) - दक्षिण भारत के सभी प्रमुख उत्पादक केंद्रों में अनुकूल मौसम की स्थिति के बीच निर्यात खरीद में कमी की वजह से आने वाले सप्ताह के दौरान इलायची की कीमतें कमजोर रह सकती हैं।
केरल के मानसून की शुरुआत की भविष्यवाणी से इलाइची की कीमतों में कमजोरी रह सकती है।
आने वाले दिनों में आईएमडी ने दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत पर अच्छी बारिश की भविष्यवाणी की है।
सऊदी अरब को भेजे गए सामान में गुणवत्ता के मुद्दे (इलाइची में कीटनाशक पाए जाने की वजह से) की रिपोर्ट के बाद निर्यात मांग में कमजोर देखी जा रही है।
हालांकि रमजान के लिए इलाइची की मजबूत से कीमतों को समर्थन मिल सकता हैं परन्तु एक्सपोर्ट में कमजोर मांग से कीमतों में दबाव बन सकता है।
बाजार का ध्यान धीरे-धीरे मानसून की शुरुआत की ओर बढ़ जाएगा, आने वाले दिनों में मानसून में प्रगति होगी क्योंकि यह फसल के लिए महत्वपूर्ण है। स्कायमेंट तथा आईएमडी द्वारा मानसून की शुरुआत की तारीख 28 मई को होने की भविष्यवाणी की है।
मसाले बोर्ड के आंकड़ों से पता चला है कि अप्रैल-दिसंबर 2017 के दौरान भारत ने 4.56 अरब रुपये के 4,180 टन इलायची का निर्यात किया था।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए पहले अग्रिम अनुमानों में दिखाया गया की 2017-18 के दौरान भारत के मसालों का उत्पादन 8.16 मिलियन टन पर स्थिर पर रहा।
अप्रैल-दिसंबर 2017 के दौरान भारतीय मसालों और मसालों के उत्पादों का निर्यात 797,145 टन (131.68 अरब रुपये) हो गया, जो वॉल्यूम में 20% और रुपये में 4% की वृद्धि दर्ज करता है। डॉलर में मसालों का निर्यात 9% बढ़कर 2,041 मिलियन डॉलर हो गया, जो एक साल पहले 1,880 मिलियन डॉलर था।
(कमोडिटीज कंट्रोल ब्यूरो द्वारा; + 91-22- 40015567)