मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) - उत्पादन केंद्रों में आपूर्ति में गिरावट की तथा निचले स्तर पर ताजा समर्थन से धनिया की कीमत आने वाले सप्ताह में मजबूत हो सकती है।
व्यापारियों के अनुसार कम उत्पादन की रिपोर्ट मध्यम अवधि में कीमतों को समर्थन कर सकती है।
किसानो द्वारा अन्य फसलों की बुवाई की वजह से भारत के 2017-18 में धनिया उत्पादन में गिरावट का अनुमान लगाया गया है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन स्पाइसेस स्टेकहोल्डर्स (एफआईएसएस) ने बुवाई में कमी के कारण कारण भारत के 2017-18 धनिया उत्पादन में 4.82 मिलियन बैग का अनुमान लगाया है ।
अप्रैल-अक्टूबर 2017 के दौरान 27,255 टन धनिये का निर्यात हुआ था जो की पिछले वर्ष 23,603 टन के मुकाबले अधिक था।
हालांकि कमजोर वैश्विक कीमतों के कारण निर्यात में मूल्य में 4% की गिरावट आई है।
हालाँकि व्यापारी मानसून का इन्तजार कर रहे है, आई एम् डी ने भविष्यवाणी करते हुए कहा की केरल में मानसून 29 मई को आ सकता है, अधिकांश मसालों की बुवाई मानसून की बारिश के बाद होती है, मसालों की खेती बारिश पर निर्भर करेगी।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए पहले अग्रिम अनुमानों में दिखाया गया की 2017-18 के दौरान भारत के मसालों का उत्पादन 8.16 मिलियन टन पर स्थिर पर रहा।
अप्रैल-दिसंबर 2017 के दौरान भारतीय मसालों और मसालों के उत्पादों का निर्यात 797,145 टन (131.68 अरब रुपये) हो गया, जो वॉल्यूम में 20% और रुपये में 4% की वृद्धि दर्ज करता है। डॉलर में मसालों का निर्यात 9% बढ़कर 2,041 मिलियन डॉलर हो गया, जो एक साल पहले 1,880 मिलियन डॉलर था।
टेक्नीकल चार्ट के अनुसार धनिये में डाउन ट्रेंड देखा जा रहा है जिससे धनिये में जून वायदा निचे 4552 तथा 4715 के स्तर को छू सकता है परन्तु निचले स्तर पर खरीददारी से बाजार को समर्थन मिल रहा है जिसकी वजह से यदि जिससे धनिये का जून वायदा 4880 के ऊपर बंद हुआ तो धनिये में तेजी देखी जा सकती जय जिससे धनिये में 4922 तथा 5045 का स्तर दिख सकता है।
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