मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) - कमजोर मांग, गिरते वायदे तथा बढ़ती आवक की वजह से गिरावट का रुख देखा जा रहा था परन्तु अब ऐसा देखा जा रहा है की बाजार में स्थिरता दिख सकती है।
निचले स्तर पर कमजोर खरीददारी की वजह से भारत के मुख्य बाजारों में स्थिरता का रुख देखा गया। आज भारत के प्रमुख बाजारों में हल्दी की कुल आवक 31 से 33 हजार की रही जो की कल से 9 से 10 हजार कम रही, कम होती आवक की वजह से बाजार को सपोर्ट मिल सकता है।
सूत्रों के अनुसार आने एनसीडीएक्स की एक्सपायरी नजदीक आने की वजह से हल्दी में लगातार गिरावट का सिलसिला जारी है, इस सप्ताह के बाद गिरावट थमने की उम्मीद जताई जा रही है, गिरावट रुकने के पश्चात् बाजार में स्थिरता देखी जा सकती है।
निज़ामाबाद में हल्दी की आवक बहोत कम हो चुकी है, परन्तु अन्य मंडियों में हल्दी की आवक लगातार बनी हुई है, आने वाले 15 से 25 दिनों के अन्दर सभी मंडियों में नई फसल का 75 से 80% हिस्सा (आवक) बाजार में आ चूका होगा।
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष हल्दी के उत्पादन में लगभग 10 से 15% की कमी देखी जा रही है वहीँ पुराने स्टॉक में भी लगभग 35 से 40% (2016-17 में 35 लाख, तथा 2017-18 में 22 लाख) की कमी बनी हुई है, इस वर्ष भारत में एक्सपोर्ट की मांग में वृद्धि देखी जा रही है, आयुर्वेदिक दवाई तथा कोस्मेटिक कंपनियों की ओर से मांग में अच्छी वृद्धि देखी जा रही है।
इस वर्ष बाजारों में अच्छी तथा सुखी हल्दी की आवक देखी जा रही है तथा आने वाले समय में बाजार में हल्दी में तेजी की धारणा को देखते हुए व्यापारी तथा स्टॉकिस्ट हल्दी का स्टॉक करने के लिए सक्रियता देखी जा सकते है।
पुरे भारत में इस वर्ष हल्दी के उत्पादन का अनुमान लगभग 58 से 62 लाख बैग (प्रत्येक 70 किलो बैग) का लगाया जा रहा है तथा घरेलु तथा एक्सपोर्ट की खपत 70 से 75 लाग बैग की हो सकती है जिसे देखते हुए आने वाले वर्ष में कैरी फॉरवर्ड स्टॉक बहोत कम होने की संभावना के चलते आने वाले समय में हल्दी के दाम 3 अंको को छू सकते है, परन्तु जुलाई तथा अगस्त के माह में मानसून सीजन में बारिश के आंकड़े हल्दी में तेजी मंदी के खेल में मुख्य भूमिका निभा सकते है।
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