मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) ग्लोबल कॉटन मार्केट में भारी उठापटक देखने को मिली है। बाजार पर एक ओर जहां USDA की तेजी वाली सप्लाई और डिमांड रिपोर्ट का असर दिखा। वहीं दूसरी ओर चीन पर अमेरिका के टैरिफ वृद्धि का अनुमान और व्यापार करार की अनिश्चितताएं भी हावी रहीं।
ICE हर कॉटन मार्च वायदा 5 पॉइंट्स की गिरावट के साथ 65.88 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुआ। मार्च वायदा में वॉल्यूम एक दिन पहले के 16,233 कॉन्ट्रेक्ट्स से गिरकर 12,650 कॉन्ट्रेक्ट्स रही। वहीं मई वायदा 5 पॉइंट्स की तेजी के साथ 66.97 सेंट पर निपटा। जबकि जुलाई वायदा में 16 पॉइंट्स की तेजी रही और ये 67.75 सेंट पर बंद हुआ। मार्च-मई वायदा ले बीच का अंतर 107 पॉइंट्स का रहा।
दरअसल USDA की ताजा वर्ल्ड सप्लाई और डिमांड रिपोर्ट कॉटन में तेजी का संकेत दे रही है। हालांकि इसके बावजूद बाजार में जमकर खरीदारी नहीं हो सकी, क्योंकि कारोबारियों की नजर अमेरिका की ओर है, जो 15 दिसम्बर को चीन के $160 बिलियन के सामान पर टैरिफ बढाने का एलान कर चुका है। हालांकि बाजार को उम्मीद है कि अमेरिका इस कदम को आगे के लिए स्थगित कर सकता है। लेकिन अगर ये टैरिफ बढ़ता है तो दोनों देशों के बीच चले आए रहे 17 महीने पुराना ट्रेडवार और गहरा सकता है।
वहीं बाजार को आज जारी होने वाले अमेरिकी एक्सपोर्ट सेल्स डेटा का भी इंतजार है।
माना जा रहा है कि अगर अमेरिक टैरिफ वृद्धि को स्थगित करता है तो बाजार में तेजी आ सकती है। लेकिन कॉटन की जोरदार सप्लाई की वजह से इसमे ज्यादा तेजी की उम्मीद भी नहीं है। इस तरह से बाजार में डिमांड-सप्लाई और मौजूदा आर्थिक माहौल में कॉटन की कीमतों को लेकर काफी अनिश्चितता है।
ICE कॉटन मार्च वायदा में 64 सेंट पर सपोर्ट है। जबकि रेसिस्टेन्स लेवल 67.6 सेंट का है।