मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) भारत में दलहन इंपोर्ट पर मात्रात्मक प्रतिबंध लगाने की पॉलिसी को लेकर कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और रूस ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में सवाल उठाया है।
इन देशों ने जबाव मांगा है कि भारत किन वैश्विक व्यापार नियमों के तहत दलहन इंपोर्ट की "अस्थायी कोटा" जारी किया है। साथ ही ये भी पूछा गया है कि 31 मार्च 2020 को जब ये प्रतिबंध खत्म हो जाएगा, तब किस नियम के तहत पॉलिसी को दोबारा सामान्य किया जाएगा।
आपको बचा दें भारत दुनिया में दलहन का सबसे बड़ा उत्पादक और खपत वाला देश है। लेकिन मांग के मुकाबले उत्पादन ज्यादा नहीं रहने से यह दलहन का सबसे बड़ा इंपोर्टर भी है। जबकि कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश दलहन के प्रमुख एक्सपोर्टर हैं। भारत की इंपोर्ट पॉलिसी से इन देशों का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
चालू वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार ने तुअर (अरहर) का इंपोर्ट सिर्फ चार लाख टन करने का कोटा तय किया है। इसी प्रकार उड़द 1.5 लाख टन, मूंग 1.5 लाख टन और मटर 1.5 लाख टन इंपोर्ट करने का कोटा निर्धारित किया गया है। वहीं, वर्तमान में चना पर 60% और मसूर पर 30% इंपोर्ट ड्यूटी लागू है, जिससे इन दोनों दलहनों के इंपोर्ट में पिछले कुछ सालों में काफी कमी आई है। हालांकि कारोबारी अनुमान के अनुसार देश में इस साल 5 लाख टन मसूर का इंपोर्ट हुआ है।