मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) भारत में सबसे ज्यादा दक्षिणी राज्यों में खपत वाली दलहन उड़द का भाव इस महीने 16-31% तक उछल गया है। खेती वाले इलाकों में जोरदार बारिश से फसल को नुकसान की आशंका और बर्मा के बाजार में उड़द की कीमतों में आई तेजी से घरेलू बाजार पर असर पड़ा है।
मुंबई में उड़द (FAQ) का भाव 6800 रुपए प्रति क्विंटल का स्तर छू चुका है। इस महीने के शुरुआत में ये 1 अक्टूबर को 5175 रुपए क्विंटल था। इस तरह से एक महीने में इसमें करीब 31% के तेजी आ चुकी है। वहीं चेन्नई में उड़द (SQ) का भाव 6650 रुपए से बढ़कर 7750 रुपए/क्विंटल का ऊपरी स्तर छू चुका है। इस महीने इसमें 16% की तेजी आई है
कारोबारियों के मुताबिक खेती वाले इलाकों में बारिश से उड़द में तेजी की धारणा बनी है। उड़द की सबसे ज्यादा खेती वाले राज्य मध्य प्रदेश में अगस्त और सितंबर के दौरान भारी बारिश हुई है। कई इलाकों में ये बारिश अक्टबूर के मध्य तक जारी रही। ऐसे में यहां 40-50% फसल को नुकसान की आशंका है।
मध्य प्रदेश में छतरपुर के दलहन कारोबारी शैलेंद्र का मानना है कि, "बारिश से पैदावार तो कम हुई ही है, इस बार इलाके में उड़द की क्वालिटी भी खराब हो गई है"।
आपको बता दें मध्य प्रदेश में छतरपुर, टीकमगढ़, विदिशा, अलीराजपुर, सागर और अशोकनगर, ये कुछ ऐसे जिले हैं, जहां सबसे ज्यादा उड़द की खेती होती है। प्रदेश की करीब 45% उड़द की पैदावार इन्ही जिलों से आती है।
राज्य के कृषि विभाग के मुताबिक मध्य प्रदेश में इस साल 17.52 लाख हेक्टेयर में उड़द की खेती हुई है। राज्य सराकार को इस साल यहां 15.68 लाख टन उड़द पैदावार की उम्मीद है। हालांकि कारोबारियों का मानना है कि राज्य में इतनी पैदावार मुमकिन नहीं है। ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सुरेश अग्रवाल का कहना है कि, "बारिश और बाढ़ से उड़द की पैदावार में करीब 50% की कमी आ सकती है"। बुंदेलखंड इलाके में फसल की हालत को देखकर शैलेंद्र का कहना है कि राज्य में 10 लाख टन उड़द की पैदावार होना भी इस साल मुश्किल है।
ऐसे में राज्य में उड़द के किसानों पर दोहरी मार पड़ी है। पहले तो बारिश में फसल बर्बाद हो गई, ऊपर जो फसल बची भी उसकी क्वालिटी बेहद कमजोर है। केंद्र सरकार ने 2019-20 के लिए उद़ड का 5700 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय किया है। लेकिन छतरपुर और टीकमगढ़ की मंडियों में किसानों को बड़ी मुश्किल से 3800-4800 रुपए का भाव मिल रहा है। टीकमगढ़ के कारोबारी दिनेश जैन का कहना है कि, "क्वालिटी कमजोर होने की वजह से अच्छा दाम नहीं लग पा रहा है"।
दुनिया में भारत उड़द का सबसे बड़ा खपत और उत्पादन करने वाला देश है। लेकिन फसल पर बारिश की मार को देखकर इस साल इसका इंपोर्ट बढ़ सकता है। ऐसे में ग्लोबल मार्केट में भी उड़द की कीमतें तेजी से बढ़ने लगी हैं। बर्मा में इस महीने उड़द (SQ) का दाम करीब 15% उछलकर $840 /टन पर चला गया है। सूत्रों के मुताबिक 3 नवंबर को बर्मा से करीब 600 कंटेनर उड़द भारत में चेन्नई के लिए रवाना होने वाली है।