मुंबई (कमोडिटीजकंट्रोल) - कनाडा के एक मसूर निर्यातक ने जानकारी दी भारत में सरकार के पास घटते स्टॉक और कमजोर रबी फसल की संभावना के कारण भारत जल्द ही अच्छी मात्रा में लाल मसूर की खरीदी शुरू करता है।
एक विश्लेषक के अनुसार भारत इस वर्ष 3-6 लाख टन मसूर की खरीदी कर सकता है।
भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, बंगलदेश और श्री लंका में मसूर की पाइपलाइन खाली होने की संभावनाओं के कारण कनाडा से मसूर के निर्यात की गुंजाइश बढ़ रही है।
उनके अनुसार हाल के समय में सभी देशों ने पर्याप्त मात्रा में खरीदी नहीं की है और इसलिए जल्द ही उनकी मांग निकल सकती है।
मसूर के एक बड़े आयातक ने कहा की देश में मुख्यतौर पर मसूर की पैदावार उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में होती है मसूर उत्पादक इलाकों इस सीजन मॉनसून कमजोर रहा था।
हाल के समय में तुअर के भाव में खासी बढ़त देखी गई है और इसका सकारात्मक प्रभाव मसूर पर भी पड़ने की पूरी संभावना है।
उनके अनुसार भारीतय पोर्ट पर मटर का स्टॉक लगभग 90,000 टन और अन्य 2 लाख टन भारत सरकार के पास होने की संभावना है। सरकार अपने पास पड़े स्टॉक को नियमित रूप से बेच रहा है और यह स्टॉक समाप्त होने पर भाव में बढ़त बने सकती है।
भारत ने नवंबर के पहले दो सप्ताह में लगभग 2000 कंटेनर मसूर 385-425 डॉलर प्रति टन के बीच खरीदी।
भारत में बोआई की रफ़्तार तो सुस्त है ही उसके अलावा एल नीनो की बढ़ती संभावना के कारण मौसम आगे सूखा या औसत से अधिक गर्म रहने से मसूर के उत्पादन प्रभावित होने से मसूर को सहारा मिल सकता है।
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