मुंबई (कमोडिटीजकंट्रोल) - मौजूदा दरों पर स्थानीय ताजा खरीद मांग के कारण मंगलवार को बर्मा दलहन बाजार में तुअर और उड़द के भाव बढ़कर बोले गए। इसी प्रकार, सिंगापुर के व्यापारियों से ताजा खरीददारी के कारण काबुली चना V2 किस्म में बढ़त दर्ज की गई।
भारत के तुअर उत्पादक इलाकों में गर्म मौसम के कारण उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में कमजोर रहने के अनुमान की वजह भारतीय मांग निकलने की संभावना के कारण स्थानीय पूछपरख बढ़ रही है।
लेमन तुअर का स्टॉक अब बर्मा में काफी कम लगभग 50,000 टन शेष रहने की संभावना है, जबकि नई फसल इस वर्ष कमजोर करीब 1 लाख टन होने की उम्मीद है क्योंकि किसानों ने कम दरों और भारत से नगण्य मांग के कारण तुअर की बजाय मूंग/ तिलहन की फसल की बोआई में अधिक रूचि ली।
बर्मा में नई तुअर की फसल दिसंबर के अंत शुरू होने की उम्मीद है।
स्थानीय मांग के चलते उड़द की कीमतें भी आज बढ़ी है। हालांकि, वर्तमान में भारत (चेन्नई) से कोई ताजा खरीदारी की सूचना नहीं मिली क्योंकि भारत के खरीदारों अभी भी आयात प्रतिबंधित करने के लिए डीजीएफटी अधिसूचना पर मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
उच्च न्यायालय में इस मुद्दे के बारे में सुनवाई की तारीख फिलहाल ज्ञात नहीं है।
इससे पहले चेन्नई स्थित खरीदारों ने सरकार द्वारा वार्षिक निर्धारित सीमा से परे बर्मा से अच्छी मात्रा में उड़द खरीदा था। उड़द के लिए वार्षिक आयात प्रतिबंध सीमा 1.5 लाख टन है।
बर्मा में उड़द स्टॉक 1.5 लाख टन की उम्मीद है और नई फसल का अनुमान लगभग 6 लाख टन है। नए उड़द की आवक बाजार में 1 जनवरी से शुरू होने की उम्मीद है।
(कमोडिटीज कंट्रोल ब्यूरो द्वारा; + 91-22-40015513)