मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) - मिलर्स की पूछताछ और धीमे मानसून की वजह से बर्मा मूल की एसक्यू उड़द में मंगलवार को तमिलनाडु के चेन्नई बाजार में ऊँचा कारोबार देखा गया। हालांकि विक्रेता बाजार में उच्च दरों पर अपने स्टॉक को बेचेने में रुचि दिखा रहे थे।
एसक्यू उड़द नई किस्म (गोदाम स्टॉक तैयार डिलीवरी) में 200 रुपये की तेजी के साथ 4,750-4,800/100 किलोग्राम की पेशकश की गई। हालांकि एफएक्यू उड़द की कीमत 3,550-3,600 रुपये बोली गई।
इसी प्रकार जुलाई डिलीवरी के लिए उड़द एसक्यू/एफएक्यू किस्म में 75-100 रुपये की तेजी के साथ 4125 तथा 3125 प्रति 100 किलोग्राम के भाव रहे।
बाजार सूत्रों के मुताबिक बर्मा से 23 जून को चेन्नई (भारत) के लिए उड़द के लगभग 250 कंटेनर (1 कंटेनर = 24 एमटी) तथा 2 जुलाई को 250 कंटेनर का जहाज लोड होने की उम्मीद है।
हालांकि मिलर्स/व्यापारियों के पास अन्य राज्यों से उच्च लागत पर घरेलू उड़द का अच्छा स्टॉक है, लेकिन अब चेन्नई में मिलर्स मध्य प्रदेश / उत्तर प्रदेश और राजस्थान से घरेलू उड़द खरीदने के बजाय फॉरवर्ड कारोबार में सस्ती दरों पर एफएक्यू उड़द खरीदने के लिए सक्रिय दिखाई दे रहे हैं।
अन्य राज्यों से घरेलू उड़द (अच्छी गुणवत्ता) में उन्हें 3,600-3,700/100 किलोग्राम (3,100+ 9% व्यय + 300 ट्रक किराया) खर्च किया जाता है । हालांकि एफएक्यू उड़द की खरीददारी में इस तरह का कोई मुद्दा नहीं होता है।
हालांकि, नाफेड / एफसीआई जैसी सरकारी एजेंसियों द्वारा कम कीमत पर खरीदे गए स्टॉक के के कारण बाजार में अभी भी मंदी का माहौल हैं। किसानों और सरकारी एजेंसियों के पास बड़े पैमाने पर स्टॉक होने के बावजूद सस्ती कीमतों पर उड़द के आयात के लिए अप्रूवल दिया गया है।
हालांकि मौजूदा दरों पर प्रोसेस्ड उड़द में मांग खपत केंद्रों में कमजोर थी।
मानसून में हो रही देरी से उड़द की कीमत को समर्थन मिल सकता है परन्तु लेकिन सस्ती दरों पर घरेलु उड़द की उपलब्धता तथा पर्याप्त घरेलू स्टॉक के बावजूद बर्मा से आयात के लिए मिले अप्रूवल की वजह से लाभ सीमित हो सकता है।
(कमोडिटीज कंट्रोल ब्यूरो द्वारा: + 91-22-40015513)
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