मुंबई (कमोडिटीजकंट्रोल) - चना वायदा में पिछले दो दिन की बढ़त के बाद आज जोरदार गिरावट देखी जा रही है। चना दाल और बेसन में बेहद सुस्त मांग के साथ-साथ सस्ते मटर की प्रचुर उपलब्धता के कारण चना के भाव में गिरावट देखा रहा है।
बाजार के जानकारों के अनुसार इस वर्ष रबी सीजन में चना की बोआई 15-25% बढ़ने की संभावना से भी चना पर दबाव बना है। उत्पादक राज्यों में अच्छी बारिश के कारण मिट्टी में अनुकूल नमी, रबी चना एमएसपी बढ़ने की संभावना के चलते रकबा बढ़ने की प्रबल संभावना है।
इसके अलावा बाजार में चर्चा है की ऑस्ट्रेलिया में दो जहाज चना की लोडिंग के लिए लगने वाली है इस माह के अंत तक उनके भारत पहुँचने की संभावना है जिसके कारण भी बाजार की मनोवृत्ति पर असर पड़ा है।
अक्टूबर डिलीवरी चना वायदा खबर लिखे जाने तक 2.24%, या 127 रुपये घटकर 5,531 रुपये प्रति क्विंटल पर कारोबार कर रहा था। वायदा व्यापार में चना का भाव पिछले एक माह में लगभग 12% टूटा है।
डीमॉनेटाईजेसन के बाद जीएसटी के कारण बाजार में व्यापारियों की आर्थिक स्थिती कमजोर रहने के कारण बाजार में कच्चे और पक्के मालों में मांग बेहद सुस्त है। इसके आलावा सरकार की नीतियों के चलते बाजार में विश्वास की कमी के कारण व्यापारी सिर्फ जरुरत अनुसार ही काम कर रहे हैं।
हाल फिलहाल में चने के भाव में भले ही खासी गिरावट का दौर देखा गया हो, पर इस वर्ष ऑस्ट्रेलिया में चना का कमजोर उत्पादन से निचले स्तरों पर भाव को कुछ सहारा मिल सकता है।