मुंबई (कमोडिटीजकंट्रोल) - मध्यप्रदेश में भावान्तर भुगतान योजना जो आज से लांच हुआ है के लिए लगभग 23 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया है। पंजीकरण प्रक्रिया 1 सितंबर से शुरू हुई थी। इस योजना में सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतील, मक्का, मूंग, उड़द और तुअर फसलों को शामिल किया गया है।
भावान्तर भुगतान योजना के तहत लाभ केवल पंजीकृत किसानों को ही उपलब्ध कराया जाएगा, जो मध्य प्रदेश में उत्पादित कृषि उत्पादों की बिक्री पर ही सूचित मंडी परिसर में उपलब्ध होगा। फसल कटाई प्रयोगों पर औसत उत्पादन के आधार पर उत्पादन सीमा को लाभ दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत, राज्य सहकारी विपणन संघ और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा पात्र किसानों को अंतर राशि का भुगतान किया जाएगा।
इस योजना के तहत लगभग 16.30 लाख किसानों को ऑनलाइन पंजीकृत किया गया। उनमें से 8.42 लाख सोयाबीन के लिए, 4.35 लाख उड़द, मक्का के लिए 2.10 लाख, तुअर के लिए 71000, मूंगफली के लिए 28000, तिल के लिए 30,000, मूंग के लिए 12000, और रामतील के लिए 2000 किसानों ने पंजीकृत हैं। भावान्तर भुगतान योजना के तहत अधिक से अधिक किसानों को लाभ प्रदान करने के लिए राज्यों के ग्राम पंचायत में ग्रामसभा के माध्यम से लगभग 6.50 लाख किसानों को ऑफ़लाइन मोड में पंजीकृत किया गया।
भावान्तर भुगतान योजना के लिए मोडल बिकवाली का भाव की गणना मध्य प्रदेश के अलावा अन्य दो राज्यों के औसत भाव पर आधारित होगा| सोयाबीन के लिए मोडल रेट महाराष्ट्र और राजस्थान शामिल होंगे, गुजरात और राजस्थान मूंगफली के लिए, तिल के लिए ओडिशा और छत्तीसगढ़, रामतील के लिए पश्चिम बंगाल और राजस्थान, मक्का के लिए कर्नाटक और महाराष्ट्र, मूंग के राजस्थान और महाराष्ट्र, उड़द के लिए राजस्थान और उत्तर प्रदेश, जबकि तुअर के लिए महाराष्ट्र और गुजरात होंगे|