मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) राजस्थान में कृषि उपज मंडियों में खरीद बिक्री पर अशोक गहलोत सरकार के 2% के नए टैक्स लगाने के फैसले का व्यापारियों ने विरोध किया है। इसे किसान और व्यापार विरोधी बताकर कई मंडियों के व्यापारी हड़ताल पर चले गए हैं। वहीं बाकी मंडियों के व्यापारी भी आज हड़ताल पर जाने का फैसला ले सकते हैं।
दरअसल राजस्थान सरकार ने आज से मंडियों में होने वाले खरीद बिक्री पर 2% अतिरिक्त टैक्स लगाने का फैसला किया है। ये टैक्स राजस्थान कृषि उपज मंडी कानून (1961) के अधिनियम संख्या 38 की धारा 17-क के तहत "किसान कल्याण फीस" के तौर पर लगाया गया है। यानी प्रति ₹100 के कारोबार पर ₹2 किसान कल्याण फीस वसूला जाएगा। जो 1.6% मंडी टैक्स के अतिरिक्त लगेगा। इस तरह से राज्य की मंडियों में कृषि उपजों की खरीद बिक्री पर कुल 3.6% टैक्स वसूला जाएगा।
कारोबारियों के मुताबिक सरकार के इस फैसले से राज्य में कारोबार की लागत बढ़ जाएगी। जिसकी भरपाई की कोशिश में महंगाई को हवा मिलेगी। वहीं इसका असर किसानों पर भी पड़ेगा। क्योंकि मंडी में खरीद रुकने से उन्हें औने-पौने दाम पर मंडी से बाहर अपनी उपज को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
व्यापारियों का कहना है कि राज्य सरकार की इस तुगलकी फरमान से यहां कृषि उपज बाकी राज्यों के मुकाबले महंगा हो जाएगा। जिससे मिलें माल लेने के लिए राजस्थान के बाहर दूसरे राज्यों का रुख कर सकती हैं। जिससे राज्य का व्यापार पूरी तरह से तबाह होने का खतरा है। क्योंकि छोटे व्यापारी और कमीशन एजेंटों को बाजार से बाहर होने का खतरा बढ़ गया है।
ऐसे में आज से नागौर, सुमेरपुर, बीकानेर, खाजूवाला, निवाई और व्यावर समेत कई मंडियों के व्यापारी हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे इन मंडियों में आज किसानों की आवक की खरीद नहीं हो सकेगी। वहीं आज कुछ और मंडियों के व्यापारी भी हड़ताल पर जाने का फैसला ले सकते हैं।