नई दिल्ली (कमोडिटीजकंट्रोल) - केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक नई खरीद नीति को मंजूरी दे दी जिसके तहत एक योजना तिलहन किसानों को क्षतिपूर्ति पर ध्यान केंद्रित करेगी यदि मूल्य एमएसपी से नीचे आती है, और दूसरा राज्यों को प्राइवेट प्लेयर्स को भी खरीदी करने की अनुमति देगा।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इस संबंध में यह निर्णय लिया गया।
इस साल बजट में, सरकार ने घोषणा की थी कि वह किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुनिश्चित करने के लिए फूल प्रूफ तंत्र स्थापित करेगा। उसने इसके लिए नीति अयोध से केंद्रीय कृषि मंत्रालय और राज्यों के परामर्श से एक प्रक्रिया का सुझाव देने के लिए कहा था।
पीटीआई ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया है कि कैबिनेट में चर्चा के लिए नई खरीद नीति 'अन्नदाता मूल्य संरक्षा योजना' पर कृषि मंत्रालय का प्रस्ताव लिया गया था, और इसे मंजूरी दे दी गई है।
नई नीति के तहत, राज्य सरकारों को किसानों की रक्षा के लिए कई योजनाएं चुनने का विकल्प दिया जाएगा यदि कीमतें एमएसपी से नीचे आती हैं।
ऑइलसीड के किसानों के हित के लिए मध्यप्रदेश सरकार के भवान्तर भुगतान योजना की तर्ज पर एक नई योजना 'Price Deficiency Payment (PDP ) तैयार की गई है।
PDP के तहत, सरकार किसानों को एमएसपी और थोक बाजार में उद्धृत तिलहनों की मासिक औसत कीमत के बीच अंतर का भुगतान करेगी। यह राज्य में तिलहन उत्पादन के 25 प्रतिशत तक लागू किया जाएगा।
इसके अलावा, राज्यों को पायलट आधार पर तिलहन खरीद के लिए निजी खिलाड़ियों द्वारा भी एमएसपी भाव पर खरीदी का विकल्प दिया जायेगा।
सूत्रों ने बताया कि PDP और निजी खिलाड़ियों की भागीदारी तिलहनों के लिए विशेष रूप से होगी क्योंकि सरकार खाद्य तेलों के आयात पर देश की निर्भरता को कम करना चाहती है।
नई नीति के तहत, राज्यों के पास मौजूदा Price Support Scheme (PSS) चुनने का विकल्प भी होगा, जिसके अंतर्गत केंद्रीय एजेंसियां एमएसपी नीति के तहत कवर की गई कमोडिटी को खरीदती हैं जब कीमतें एमएसपी से नीचे आती हैं।
सूत्रों ने बताया, "राज्य PSS या PDP चुन सकते हैं या किसानों को एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए खरीद में निजी खिलाड़ियों को शामिल कर सकते हैं।"
भारत के खाद्य निगम (एफसीआई), खाद्यान्न की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी, पहले से ही राशन की दुकानों और कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आपूर्ति के लिए एमएसपी में गेहूं और चावल खरीदती है।
केंद्र इन वस्तुओं की खरीद के लिए Market Intervention Scheme (MIS) भी लागू करता है, जो perishable हैं और एमएसपी नीति के अंतर्गत शामिल नहीं हैं।
एमएसपी नीति के तहत, सरकार खरीफ और रबी फसलों में से 23 फसलों की एमएसपी दर घोषित की है।
भारत सालाना 14-15 मिलियन टन खाद्य तेल आयात करता है, जो घरेलू मांग का लगभग 70 प्रतिशत है।
(कमोडिटीज कंट्रोल ब्यूरो द्वारा; +91-22-40015533)