मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) मध्य प्रदेश में इस महीने हुई जोरदार बारिश से सोयाबीन और खरीफ दलहन की फसल को भारी नुकसान की आंशका है। कारोबारी, ब्रोकर्स और इंडस्ट्रीज आगे इसमें तेजी देख रहे हैं। मध्य प्रदेश में लगातार तीसरे हफ्ते सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। पश्चिमी मध्य प्रदेश ने इस सीजन सामान्य से 55% ज्यादा बारिश रिकॉर्ड हुई है।
सोयाबीन का नया सीजन अभी अक्टूबर से शुरू होगा, आमतौर पर इससे पहले कीमतों पर दबाव रहता है, लेकिन मध्य प्रदेश की इंदौर मंडी में इसका भाव बढ़कर ₹3900 के आसपास पहुंच गया है। कारोबारियों की दलील है कि 2 हफ्ते की बारिश से फसल को भारी नुकसान पहुंचा हैं। कई इलाकों में पौधे पीले पड़ गए हैं। अगैती वेरायटी की सोयाबीन तैयार होने के कगार पर थी, लेकिन बारिश से फलियों में काले दाग दिख रहे हैं। वहीं जहां फूल लगा था, वहां कीड़े दिख रहे हैं। कमोडिटीज कंट्रोल से बातचीत में SOPA के कार्यकारी निदेशक DN पाठक ने बताया कि, "अगस्त तक करीब 4.3 लाख हेक्टेयर में फसल को लेकर कुछ चिंता थी। लेकिन अब हालात काफी बदल गए हैं। लिहाजा अगले हफ्ते सोयाबीन की फसल सर्वे के लिए SOPA टीम भेजेगी"।
इंडिया निवेश कमोडिटीज के मनोज कुमार जैन का कहना है कि, " एक हफ्ते में सोयाबीन के दाम करीब ₹200 तक बढ़ चुके हैं, इसके लिए फसल का खराब होना भी एक बड़ी वजह रही है, लेकिन अमेरिका और चीन में सुलह के संकेत से भी हालात बदले हैं"।
कमोडिटीज कंट्रोल की पड़ताल में ये बात सामने आई है कि मध्य प्रदेश में मालवा के कुछ इलाकों में तो 90-100% तक फसल बर्बाद हो चुकी है। किसानों का कहना है कि जहां थोड़ी बहुत फसल बची भी है वहां यील्ड को लेकर संकट रहेगा।
चंबल में भी सोयाबीन की करीब 30% फसल को नुकसान की आशंका है। साथ ही पूर्वी राजस्थान में भी करीब 20% फसल खराब हुई है।
कारोबारियों का मानना है कि औसत रूप से मध्यप्रदेश और राजस्थान में करीब 25-30% सोयाबीन की फसल खराब हुई है।
आपको बात दें देश ने सोयाबीन की करीब 60% और खरीफ दाल की करीब 50% पैदावार मध्य प्रदेश से आती है। बारिश से उड़द की फसल को भी भारी नुकसान की आशंका है। कई इलाकों में तो फसल 60-80% तक खत्म हो गई है। हालांकि दाल मिल्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट सुरेश अग्रवाल का कहना है कि, "नुकसान का औसत 45% तक रह सकता है"।
फसल को नुकसान की आशंका से मध्य प्रदेश की मंडियों में उड़द का दाम ₹4600 तक जा चुका है। वहीं आंध्र प्रदेश में ये ₹6000/क्विंटल तक पहुंच गई है। सुरेश अग्रवाल बताते हैं कि दरअसल आंध्र प्रदेश की उड़द मध्य प्रदेश से अलग होती है, उसका दाना बड़ा होता है, लिहाजा वह हमेशा ऊपर बिकती है।
इस बीच खबर मिली है कि मध्य प्रदेश सरकार भी बारिश से नुकसान का आंकलन करा रही है।