मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) साल 2020 में मलेशिया में पाम तेल के उत्पादन में कमी की आशंका है। जानकारों को मानना है कि ये गिरकर 2.5 करोड़ टन के स्तर पर आ सकता है।
इंडोनेशिया में आयोजित पाम तेल सम्मेलन में ISTA मिल्के के थॉमस मिल्के ने कहा कि मलेशिया की तरह इंडोनेशिया में भी उत्पादन ग्रोथ की रफ्तार धीमी रहेगी। वहां पाम तेल का उत्पादन इस साल के 4.36 करोड़ टन से महज 18 लाख टन बढ़कर 4.54 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
उन्होने कहा कि 2018-19 के दौरान पाम तेल की खपत में 77 लाख टन बढ़त दिख सकती है। ऐसे में साल 2019-20 में सप्लाई और मांग की स्थिति बेहद टाइट रहेगी। पाम तेल की 8-8.1 करोड़ ग्लोबल खपत के मुकाबले उत्पादन 7.82 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
ऐसे में अगले साल पाम तेल की कीमतों में तेजी की उम्मीद है और ये 2600 रिंगिट के ऊपर रह सकती है।
पाम तेल में आगे तेजी के अपने तर्क को सहारा देने के लिए मिल्के ने कहा कि चीन में सोयाबीन की मांग गिर रही है। ऐसे में वह अपनी जरूरतों के लिए पाम, सोया और सूरजमुखी तेल का इंपोर्ट बढ़ा रहा है।
इस मौके पर LMC इंनरनेशनल के पाम तेल एक्सपर्ट जेम्स फ्राई ने भी मलेशिया में पाम तेल के उत्पादन की रफ्तार धीमी पड़ने और आगे तेजी आने की उम्मीद जताई है।