मुंबई (कमोडिटीज कंट्रोल) ग्लोबल पाम तेल की कीमतों में आगे भी तेजी जारी रहेगी। इसे मार्च 2020 तक 2,700 रिंगिट प्रति टन तक जाने की उम्मीद है। ऐसा मानना है खाने के तेल के जानेमाने एक्सपर्ट और गोदरेज इंटरनेशनल के डायरेक्टर दोराब मिस्त्री का। उनके मुताबिक उत्पादन की धीमी रफ्तार से आगे कीमतों को सपोर्ट मिलता रहेगा। गौर करने वाली बात ये है कि पहले इन्होंने इसे 2,500 रिंगिट तक जाने की उम्मीद जताई थी, ये टार्गेट पिछले महीने ही हासिल हो चुका है।
मिस्त्री का कहना है कि 2020 में सोया और सूरजमुखी तेल के उत्पादन में बेहद कम वृद्धि दिख रही है। ऐसे में खरीदारों के पास वैकल्पिक तेलों पर स्विच करने की बहुत कम गुंजाइश होगी। ऐसे हालात में पाम तेल की मांग को लेकर कोई खतरा नहीं हैं, लिहाजा इसकी कीमतों को सपोर्ट मिलेगा।
इंडोनेशिया के बाली के नुसा दुआ में आयोजित कार्यक्रम में मिस्त्री ने कहा कि, 'बाजार काफी तेजी में है और ऊंची कीमत पर सौदे और सप्लाई भी शुरू हो चुकी है'।
गौरतलब है कि मलेशिया में इस हफ्ते पाम तेल का भाव लगभग 20 महीने के ऊपरी स्तर को छू चुका है। मार्च 2018 के बाद इसने पहली बार 2,514 रिंगिट टन प्रति टन का स्तर छुआ है।
मिस्त्री का मानना है कि मलेशिया के कई इलाकों मे सूखा मौसम और जमीन में नमी कम रहने से 2020 में मलेशियाई पाम तेल का उत्पादन साल 2019 के मुकाबले धीमा रहेगा।
उन्होंने कहा कि, "सितंबर में पाम तेल का उत्पादन निराशाजनक रहा। हालांकि अक्टूबर में मलेशिया का उत्पादन कुछ बढ़ा है। लेकिन फिर भी ये उम्मीद से कम है। इस तरह से पाम तेल के उत्पादन में सुस्ती का दौर शुरू हो गया है। मिस्त्री ने कहा कि नवंबर से पाम तेल के उत्पादन में लगातार गिरावट देखने को मिल सकती है।
हालांकि मिस्त्री ने इस साल पाम तेल के अपने उत्पादन अनुमान का बरकरार रखा है। उनके मुताबिक 2019 में मलेशिया में 2.03 करोड़ टन और इंडोनेशिया में 4.3 करोड़ टन पाम तेल का उत्पादन रह सकता है।